एजुकेशन डेस्क. रैगिंग के मामलों में उत्तर प्रदेश पहले और मध्य प्रदेश दूसरे पायदान पर है। यूजीसी एंटी रैगिंग हेल्पलाइन की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में उत्तर प्रदेश में 152 और मध्य प्रदेश में 132 शिकायत दर्ज हुई हैं। पिछले एक दशक में रैगिंग के मामलों में उत्तर प्रदेश पहले, पश्चिम बंगाल दूसरे और मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है। पिछले एक दशक में ऐसे मामलोंका आंकड़ा 20 गुना बढ़ा है औरशिकायत दर्ज कराने में पुरुष आगे रहे हैं।2009 में रैगिंग के एक मामले के बाद यूजीसी नेअमन सत्या खाचरूट्रस्ट के साथ मिलकर रैगिंग के खिलाफ अभियान शुरू किया।
सबसे ज्यादा रैगिंग से जूझने वाले 5 राज्य
1- उत्तर प्रदेश : एक दशक में सर्वाधिक 1182 शिकायत दर्ज हुईं
2019 और पिछले एक दशक के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा रैगिंग की शिकायते दर्ज हुईं। 2009 से 2019 तक कुल 1182 मामले सामने आए। इसमें 1060 मामले पुरुष और 133 शिकायते महिला ने दर्ज कराई। यूपी में 2018 में सबसे ज्यादा 180 मामले दर्ज हुए।
2- पश्चिम बंगाल : दस साल में 803 मामले दर्ज
2019 में सामने आए रैगिंग के आंकड़ों में भले ही मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है लेकिन एक दशक के आंकड़ों में पश्चिम बंगाल 803 शिकायतों के साथ दूसरे स्थान पर है। इसमें 782 मामले पुरुष और 121 शिकायते महिला ने दर्ज कराई। यहां पिछले 10 सालों में सर्वाधिक 119 शिकायते 2018 में दर्ज हुईं।
3- मध्य प्रदेश : रैगिंग के मामलों में तीसरा बड़ा राज्य
साल-दर-साल आंकड़ों की तुलना करें तो सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 132 शिकायत2019 में दर्ज हुईं। यहां पिछले एक दशक में यहां रैगिंग के 745 मामले दर्ज हुए। शिकायत दर्ज कराने वालों में 687 पुरुष और 58 महिलाएं शामिल थीं।
4- ओडिशा : 2019 में सबसे ज्यादा 80 शिकायत दर्ज हुईं
ओडिशा में 2019 में 80 और पिछले 10 सालों में रैगिंग की 533 शिकायतदर्ज हुईं। सबसे ज्यादा शिकायतें पिछले साल ही दर्ज हुईं। मामले दर्ज कराने मेंज्यादा संख्या पुरुषों की थीं।
5- बिहार : रैगिंग की शिकायत के मामले में पांचवे स्थान पर
रैगिंग की शिकायत दर्ज कराने में बिहार पांचवे स्थान पर है। 2019 में 60 शिकायत दर्ज हुईं और पिछले एक दशक में 372 मामले सामने आए। यहां भी 2019 में सबसे ज्यादा 60 शिकायत दर्ज हुईं।
साल दर साल बढ़े रैगिंग के मामले
2009 में मेडिकल छात्र अमन सत्या ने रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या की। बेटे अमन की मौत के बाद पिता राज काचरू ने अमन सत्या खाचरूट्रस्टकी शुरुआत की।रैगिंग के खिलाफ अभियान शुरू किया और नाम रखाअमन मूवमेंट। मामला सुखियों में आया और यूजीसी ने रैगिंग पर लगाम लगाने के लिए एंटी रैगिंग हेल्पलाइन की शुरुआत की। अमन सत्या खाचरूएनजीओ के साथ मिलकर कैंपेन शुरू किया और गाइडलाइन जारी की। हेल्पलाइन शुरू होने के बाद साल दर साल रैगिंग के बढ़ते मामलों ने इसकी भयावहता को बयां किया। 2009 में 343 शिकायत दर्ज हुईं और 10 साल बाद 2019 तक शिकायतों काकुल आंकड़ा 6958 को पार कर गया।
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